रातू रोड स्थित रांची की पहाडी पर विराजमान बाबा पहाडी का 14वां वार्षिकोत्सव रूद्राभिषेक के साथ शनिवार को शुरू हो गया। कार्यक्रम का समापन रविवार को होगा।
महाकाल मंदिर, काली मंदिर, विश्वनाथ मंदिर सहित परिसर और सीढियों को रंग-बिरंगे फूलो से सजाया गया । बंगाल एवं उडीसा के 25 कलाकारों ने दिन-रात एक कर विशालकाय नाग का निर्माण किया है। हाल की छत पर विशाल पंडाल बनाया गया है, जहां भोलेश्वर की भव्य झांकी बनी है। वही, मुख्य हाल की झांकी में समुद्र मंथन का दृश्य दिखाई दे रहा है। रात में बिजली की जगमग से पहाडी चमक रही है। पूरा मंदिर प्रांगण ओम नम: शिवाय के पंचाक्षरी मंत्रों से गूंज रहा था। वहीं, महामृत्युंजय मंत्र के अलावा शिव के अन्य मंत्रों से भी मंदिर का मुख्य परिसर गूंज रहा था। दुग्ध, बेल पत्र से भगवान का अभिषेक किया गया। भगवान की पूजा के लिए भक्तों की अपार भीड सुबह से ही शुरू से ही शुरू हो गई थी।
कार्यक्रम की शुरुआत ध्वज पूजा के साथ हुई। इसके बाद रूद्राभिषेक किया गया। सांय तुलसी कृत मानस के सुंदरकांड का पाठ किया गया।
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