Saturday, February 20, 2010

जगत मंदिर है द्वारकाधीश

72खंभों पर टिका द्वारकाधीशमंदिर वास्तुकला का एक बेजोड नमूना है। क्या आप भी इस अद्भुत मंदिर का दर्शन करना चाहेंगे?

यदि द्वारकाभ्रमण करते हुए लगभग अस्सी फीट ऊंचा भवन और उसके गुंबद पर लहराती बेहद लंबी पताका आपको दूर से ही दिख जाए, तो समझ लीजिए कि आप द्वारकाधीशमंदिर के करीब पहुंच चुके हैं। यह मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र जिले में स्थित है। यह वही द्वारकाहै, जहां श्रीकृष्ण महाभारत काल के दौरान वास करते थे। इसे हिंदुओं के चार पवित्र धामों में से एक माना जाता है। प्रचलित है कि श्रीकृष्ण ने द्वारकाको ही अपनी राजधानी बनाई थी।

[संगम स्थल] जब आप मंदिर के पास पहुंचते हैं, तो आपको नदी और समुद्र का संगम दिखाई देता है। दरअसल, द्वारकाधीशमंदिर गोमती नदी और अरब सागर के संगम स्थल पर स्थित है। यह जगत मंदिर भी कहलाता है, क्योंकि श्रीकृष्ण को संपूर्ण जगत का स्वामी माना गया है। इसका भवन पांच मंजिला है और यह 72खंभों पर टिका है। गुंबद पर लहराती हुई पताका पर सूर्य और चंद्रमा के चित्र अंकित हैं।

[मोक्ष और स्वर्ग द्वार] अमूमन मंदिरों में दुर्ग नहीं होते, मगर यहां यह देखकर आश्चर्य होता है कि इस मंदिर में एक बहुत ऊंचा दुर्ग और दर्शनार्थियोंके लिए एक विशाल भवन भी बना हुआ है। मंदिर में दो प्रवेश द्वार बने हैं। मुख्य द्वार मोक्ष द्वार और दक्षिणी द्वार स्वर्ग द्वार कहलाता है। इस द्वार से कुछ कदम आगे निकलने पर गोमती नदी के तट पर पहुंचा जा सकता है।