Saturday, December 18, 2010

रूप, जय, तेज व यश देती है एकादशी

राजधानी में देवोत्थान एकादशी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर लक्ष्मी-नारायण के साथ भगवान शालिग्राम व तुलसी मैया की पूजा-अर्चना हुई। श्रद्धालुओं ने शालिग्राम व तुलसी को पवित्र गंगाजल से स्नान कराकर मनोकामना सिद्धि की प्रार्थना की।
समस्त एकादशियों में निर्जला एकादशी व देवोत्थान एकादशी का विशेष महत्व है। मनुष्य यदि निर्मल एवं पवित्र भाव से इन एकादशियों में पूजा-अर्चना करे तो संसार में रूप, जय, तेज व यश की प्राप्ति होती है। उसके समस्त विकार तत्काल दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि शालिग्राम प्रभु व तुलसी मईया का बहुत ही भावनात्मक एवं निर्मल रिश्ता है। पर्यावरण की दृष्टि से भी तुलसी के पौधे के हमारे जीवन में विशेष महत्व है। जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वह वातावरण हमेशा स्वच्छ रहता है। तुलसी के पौधे में समस्त देवी-देवताओं का निवास भी है।

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