Saturday, August 29, 2009
SUNDAY (30.08.2009) :- 7*27 बरसाने में बजत बधाई, रानी कीरत कन्या जाई..
ब्रषभान दुलारी लाडली जू राधे जन्मी तो मानों प्रकृति भी दर्शन को उतर आई हो, पहले रिमझिम बारिश फिर बादलों की ओट से एक पल सूर्य देव ने लालिमा बिखेर उस क्षण को और अलौकिक कर दिया। भोर में राधे ने जैसे ही जन्म लिया, चहुंओर बधाई की गूंज से समूचा बरसाना चहक उठा। लाडलीजी के जन्म की खुशी में खजाना लुटाया गया। हर कोई झूम उठा। राधे की झलक पाकर हर कोई धन्य हो रहा था। श्रीजी की नगरी बरसाना में गुरुवार को कृष्ण प्रिय आदि शक्ति राधे के जन्मोत्सव पर नजारा भव्य और दिव्य था। भानगढ पर झिलमिलाते श्रीजी मंदिर में हर कोई श्रद्धालु रात से ही राधाजी के जन्म के दर्शन कर अपने को धन्य करने को आतुर था। श्रद्धालु पलकें बिछाए ब्रषभान दुलारी के जन्म के इंतजार में मंदिर की देहरी पर ही इंतजार कर रहे थे। बेताबी में तमाम श्रद्धालु मंदिर परिसर में लोकगीत और धार्मिक भजन-कीर्तन कर श्रद्धालु थिरकते, मटकते, इतराते, इठलाते राधे का गुणगान कर इंतजार की घडियों को कम कर रहे थे। जैसे ही घडी की सुई चार बजकर बीस मिनट पर पहुंची जोश के साथ श्रीराधारानी की जय, लाडली जू की जय के जयकारे भानगढ, दानगढ और मानगढ में गूंजने लगे। मंदिर के पट खुले। मंदिर में पैर रखने तक को जगह नहीं बची। खचाखच भरने से बार-बार मंदिर के मुख्य द्वार को बंद करना पड गया। श्रद्धालु एक टकटकी लगाए श्रीजी का अभिषेक होते देखकर अपने को धन्य कर रहे थे। श्रीविग्रह का पंचामृत से अभिषेक कर रहे थे, पुजारी लक्खो गुसांई व अन्य साथ दे रहे थे। मधुमंगल गुसांई, नित्य गोपाल, अमित गोस्वामी, यश गोस्वामी, सत्य नारायण मधु,प्रिया शरण, कृष्ण गोपाल तीर्थ गोस्वामी। तभी श्रंगार से सजी धजीं देश के कोने-कोने से श्रीजी की नगरी में पहुंचीं सखियां ढोल की थाप पर बजते गायन-बरसाने में बजत बधाई, रानी कीरत कन्या जाई..पर जमकर और झूमकर नाचीं। प्रकृति भी श्रीजी के दर्शन को जैसे उतर आई हो। बादलों ने रिमझिम कर वातावरण खुशगवार कर दिया। हर ओर खुशी में बधाईयां देकर नाचने और गाने का सिलसिला सुबह सात बजे तक खूब चला। कैलाश चंद मोदी सुबह 11 बजे मंदिर पर चाव [उपहार की डलिया] लेकर पहुंचे। शाम को भव्य डोला के साथ श्रीजी के विग्रह को लेकर गोस्वामी समाज और मंदिर के सेवायत चौक पर लेकर आए। यहां उनके दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमडता रहा। करीब सात बजे पुन: श्रीजी को ऊपर मूल मंदिर में विराजमान करने के लिए ले गये। इससे पहले श्रीजी मंदिर के साथ-साथ मान मंदिर में विरक्त संत रमेश बाबा ने श्रीराधे का जन्मोत्सव अभिषेक कर धूमधाम से मनाया गया। रंगली महल में कृपालु महाराज के सान्निध्य में पुजारियों ने महल मंदिर में श्रीराधारानी के विग्रह का अभिषेक किया। इसके बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।
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