स्थानीय वेदांत आश्रम में श्रद्धालुओं को प्रवचन सुनाते हुए स्वामी देवेंद्रानंदगिरी ने कह कि दुनिया की हर चीज एक दिन मिट जाती है मगर मनुष्य का व्यवहार होता है जिसके कारण वह लोगों पर अपना प्रभाव छोड पाता है। यदि मनुष्य अच्छे व्यवहार करता है तो वह सदा दूसरों की यादों में जिंदा रहता है।
स्वामी जी ने कहा कि जीवन में मेहनत करके मनुष्य तरह-तरह की सुविधाएं व साधन प्राप्त करता है लेकिन यह भूल जाता है कि कोई भी वस्तु या सुख जीवन भर साथ नहीं देते और एक दिन मिट जाते हैं लेकिन मनुष्य द्वारा किए गए अच्छे-बुरे कर्म उसकी मृत्यु के उपरांत भी लोगों की याद में बसे रहते हैं। उन्होंने कहा कि सत्य पथ पर चलते हुए मनुष्य को कई कठिनाईयों का सामना करना पडता है लेकिन इस पथ पर चलने वाले का अंत हमेशा सुखदायी होता है लेकिन बुराई के पथ पर चलने वाले मनुष्य जीवन में कभी भी मानसिक शांति नहीं प्राप्त कर सकता।
मनुष्य को सदा अच्छे संगत का प्रयास करना चाहिए क्योंकि बुरी संगत आदमी के जीवन पर बुरा प्रभाव डालती है जबकि अच्छी संगत इंसान को अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित करती है। जीवन में मनुष्य की संगति भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि बुरी संगती में बैठने वाला कभी न कभी बुराई के प्रति प्रभावित हो जाता है और उसका जीवन में पतन आरंभ हो जाता है इसलिए व्यक्ति को हमेशा अच्छी संगति में रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसी के प्रति भी मन में द्वेष नहीं रखना चाहिए और हमेशा दूसरों की भलाई सोचनी चाहिए क्योंकि इसी में मनुष्य की अपनी भलाई है। मनुष्य को हर मुश्किल में हिम्मत का दामन थामे रहने का उपदेश देते हुए उन्होंने बताया कि कठिनाइयां परीक्षा के समान हैं और सफलता आने की सूचक हैं।
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